स्वागतम्
राष्ट्रीय
शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (न्यूपा), शैक्षिक योजना और
प्रशासन के क्षेत्र में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित
भारत ही नहीं दक्षिण एशिया का प्रमुख संगठन है जो शैक्षिक योजना एवं प्रबंधन
के क्षेत्र में क्षमता विकास और शोध कार्य में संलग्न है। शैक्षिक योजना एवं
प्रशासन के क्षेत्र में इसके द्वारा किए जा रहे कार्यों को देखते हुए भारत
सरकार ने अगस्त 2006 में इसका उन्नयन करके मानद विश्वविद्यालय का दर्जा
प्रदान किया ताकि यह स्वयं उपाधि प्रदान कर सके। अन्य केंद्रीय
विश्वविद्यालयों के समान न्यूपा भारत सरकार द्वारा पूर्णत: वित्तपोषित है।
आरंभ
में न्यूपा की स्थापना 1962 में एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र के
शैक्षिक योजनाकारों, प्रशासकों और पर्यवेक्षकों के प्रशिक्षण के लिए
एशिया क्षेत्र के यूनेस्को केंद्र के रूप में की गई थी जिसे 1965 में
एशियाई शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान बना दिया गया । इसके 4 साल
बाद भारत सरकार ने इसका अधिग्रहण कर लिया और इसका नाम राष्ट्रीय
शैक्षिक योजनाकार एवं प्रशासक कालेज रख दिया गया। राष्ट्रीय शैक्षिक
योजनाकार एवं प्रशासक कालेज की बढ़ती भूमिकाओं और कार्यकलापों, विशेषकर
क्षमता विकास, शोध और सरकारों को दी जा रही व्यवसायिक समर्थनकारी
सेवाओं को ध्यान में रखते हुए 1979 में पुन: इसका नाम बदलकर
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (नीपा) कर दिया गया।
राष्ट्रीय
शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (न्यूपा) में 10 विभाग हैं। इनमें
प्रतिष्ठित बहुशास्त्रीय संकाय है। विश्वविद्यालय का पुस्तकालय बहुत समृद्ध
है। इसमें शैक्षिक योजना एवं प्रशासन से संबंधित महत्वपूर्ण पुस्तकें,
राष्टूीय और अंतर्राष्टूीय जर्नल और सरकारी दस्तावेज़ उपलब्ध हैं।
विश्वविद्यालय अपने बहुआयामी गतिविधियों के अलावा शिक्षा नीति, योजना और
प्रशासन के क्षेत्र में अंतर-शास्त्रीय समाजविज्ञान के परिप्रेक्ष्य में
एम.फिल., पीएच-डी. और अंशकालिक पीएच-डी. पाठ्यक्रम भी संचालित करता है। न्यूपा
के शोध कार्यक्रमों में राष्टूीय और अंतर्राष्टूीय दृष्टिकोणों से शिक्षा
के सभी स्तरों और प्रकारों को शामिल किया जाता है। |